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अगली सदी का शोधपत्र का खूबसूरत हिंदी व्यंग्य सूर्यबाला
अगली सदी का शोधपत्र का खूबसूरत व्यंग्य सूर्यबाला एक समय की बात है, हिन्दुस्तान में एक भाषा हुआ करती थी। उसका नाम था हिंदी। हिन्दुस्तान के लोग उस भाषा को दिलोजान से प्यार करते थे। बहुत सँभालकर रखते थे। कभी भूलकर भी उसका इस्तेमाल बोलचाल या लिखने-पढ़ने में नहीं करते थे। सिर्फ कुछ विशेष अवसरों …