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अंजाम शायरी किसी भी अमल के नतीजे की मुख़्तलिफ़ शक्लों को बयान करती है। ये शायरी पढ़ कर अमल की माहियत से भी वाक़िफ़ होते हैं और इस के नतीजों के हवाले से भी एक इल्म हासिल होता है। इस सियाक़ में शायरों ने अंजाम की जिस ख़ास जहत पर ज़्यादा तवज्जो दी है वो इश्क़ का अंजाम है। इस में हम सब की दिल-चस्पी होनी चाहिए। ये शायरी पढ़िये और अंजाम की अच्छी बुरी सूरतों को जानिये।
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अंजाम शायरी
अंजाम को पहुँचूँगा मैं अंजाम से पहले
ख़ुद मेरी कहानी भी सुनाएगा कोई और – अंजाम शायरीआनिस मुईन
अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की
मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई – अंजाम शायरीनुशूर वाहिदी
न जाने कौन सी मंज़िल पे इश्क़ आ पहुँचा
दुआ भी काम न आए कोई दवा न लगे – अंजाम शायरीअज़ीज़ुर्रहमान शहीद फ़तेहपुरी
रोते जो आए थे रुला के गए
इब्तिदा इंतिहा को रोते हैं – अंजाम शायरीरियाज़ ख़ैराबादी
जब इश्क और क्रांति का अंजाम एक ही है,
तो रांझा बनने से अच्छा है भगतसिंह बन जाओ
दोस्ती का अंजाम शायरी
सामान्यजन ” बदलते हैँ तो नतीजे बदल जाते हैँ,
सारे मंजर, सारे अंजाम बदल जाते हैँ,
कौन कहता है परशुराम एवं महाराणा प्रताप फिर नहीं पैदा होते..?
पैदा तो होते है बस नाम बदल जाते हैँ
“रोक न सकोगे वो तूफ़ान बन के आएगा,
हर जुल्म हर सितम का अंजाम बन कर आएगा,
सघर्ष के इस सफर पर आज अकेला हूँ मैं
कल पूरा जहाँ मैं बनकर आएगा
चार क़दम चल के रूकना नहीं है
वादों से अपने मुकरना नहीं है
बड़ी बेखौफ़ हूँ में अपने मिझाज से
करतीं हीं हूँ जो ठान लूँ
इक_बार अंज़ाम सोच के डरना नहीं है
पानी में तैरना सीख़ ले मेरे दोस्त
आँखों में डूबने वालो का अंजाम बुरा होता है …
गूंजता रहेगा सदियो तक एक ऐसा अंजाम लिख देगे..
लहू के हर एक कतरे से देश का नाम लिख देंगे..
लिख रहे हैं अंजाम जिसका कल आगाज़ आएगा
मेरे लहू का हर एक क़तरा इंक़लाब लाएगा
मैं रहूं या ना रहूं पर ये वादा है तुमसे
मेरा कि मेरे बाद वतन पे मरने वालों का सैलाब आएगा।
Anjam Shayari Images
अंजाम शेर Anjam Sher
अंजाम की परवाह होती तो,
हम मोहब्बत करना छोड़ देते,
मोहब्बत में तो जिद्द होती है,
और जिद्द के बड़े पक्के हैं हम – अंजाम शेर
मुश्किलात हमेशा बहतरीन लोगों के हिस्से में आती है
क्योंकि वह उसे बहतरीन तरीके से अंजाम देने की शलाहियत रखते हैं । – अंजाम शेर
जरूरी नहीं हर मुसाफिर को अंजाम ए इश्क ही मिले
कभी कभी अधूरा इश्क भी मुक्मल कहानी बना देता है..!! – अंजाम शेर
मेरी सांस मेरी धडकन
मेरी जान हो तुम
इश्क की शुरुआत हूँ मैं
और अंजाम हो तुम – अंजाम शेर
प्यार का अंजाम शायरी
हसरतें मचल गयी जब उन्हें ,
सोचा एक पल के लिए ,
अंजाम ए दीवानगी क्या होगी ,
जब वो मिलेगा उम्र भर के लिए..!! – अंजाम शेर
बेहद करीब है वो शख़्स, आज भी
दिल के
जिसने ‘शिकायतों’ का सहारा लेकर,
दूरियों’ को अंजाम दिया था, – अंजाम शेर
इश्क़ में ये अंजाम पाया है,
हाथ पैर टूटे, मुँह से खून आया है
हॉस्पिटल पहुंचे तो नर्स ने फ़रमाया..
बहारों फूल बरसाओ, किसी का आशिक़ आया है…
निगाहों से तुम्हारे दिल पर एक पैग़ाम लिख दूँ
मोहब्बत, वफ़ा का ख़ुशनुमा अंजाम लिख दूँ…!!
अगर मेरे लबों पे तुम ग़ज़ल बन के चले आओ
सातों-जनम-दिल-की-धड़कनें-तेरे-नाम-लिख-दूँ…!!!!
फिर से वो सपना सजाने चली हुँ
उम्मीदों के सहारे दिल लगाने से चली हुँ
पता है कि अंजाम बुरा ही होगा मेरा
फिर भी किसी को अपना बनाने चली हुँ
अभी तो पहला कदम ही बढ़ाया ,की दुश्मन_सहम गया
अगर चल पड़े तो अंजाम सोच दुश्मन_बेमौत ही मर गया
हसरतें मचल गयी जब उन्हें
सोचा एक पल के लिए
अंजाम-ऐ-दीवानगी क्या होगी ?
जब वो मिलेगा उम्र भर के
ज़रा ऐ मय-कशो अंजाम-ए-महफ़िल पर नज़र रखना
कि दौर-ए-आख़िरी में नींद सी मालूम होती है
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